दिल्ली हाईकोर्ट ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित हेड कांस्टेबल रतन लाल हत्या मामले में आरोपमुक्त करने की मांग करने वाली एक आरोपी की याचिका पर नोटिस जारी किया है। जस्टिस शालिंदर कौर ने मोहम्मद अली खान की याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। खालिद। अभियोजन पक्ष ने याचिका की विचारणीयता पर दलीलों को संबोधित करने का अपना अधिकार भी सुरक्षित रखा है। अदालत ने मामले की सुनवाई 14 अक्टूबर को सूचीबद्ध करते हुए कहा, ”सुनवाई की अगली तारीख से पहले जवाब दाखिल किया जाए और इसकी अग्रिम प्रति विपरीत पक्ष को भेजी जाए।
अधिवक्ता आरएचए सिकंदर, मो. हसन और हीमा आरोपी की ओर से पेश हुए। एसपीपी आशीष दत्ता के साथ एडवोकेट मयंक दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए। खालिद ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें पिछले साल नवंबर में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 148, 186, 188, 302, 323, 325, 332, 333, 353, 427 और 435 तथा सार्वजनिक संपत्ति क्षति रोकथाम अधिनियम की धारा चार के तहत आरोप तय किए गए थे। खालिद को जून 2023 में मामले में गिरफ्तार किया गया था, जब उन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा दायर 5वीं पूरक चार्जशीट में आरोपी के रूप में नामित किया गया था। उन्हें उसी साल सितंबर में मामले में जमानत मिल गई थी।
दयालपुर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 353, 332, 333, 323, 109, 144, 147, 148, 149, 153ए, 188, 336, 427, 307,308, 397, 412, 302, 201, 120बी और 34 के तहत सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 और 4 और धारा 25, 27, शस्त्र अधिनियम की धारा 54 और 59। यह कहा गया कि दोपहर 1 बजे के आसपास, प्रदर्शनकारी डंडा, लाठी, बेसबॉल बैट, लोहे की छड़ और पत्थर लेकर मुख्य वजीराबाद रोड पर इकट्ठा होने लगे और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों पर ध्यान नहीं दिया, जिससे वे हिंसक हो गए।