मुंबई। अमेरिका द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क और जुर्माना लगाने की घोषणा के बाद गुरुवार को घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट रही और बीएसई का सेंसेक्स 296.28 अंक यानी 0.36 प्रतिशत टूटकर 81,185.58 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 86.70 अंक (0.35 प्रतिशत) नीचे 24,768.35 अंक पर बंद हुआ। लगातार दो दिन की तेजी के बाद बाजार में गिरावट आयी हैअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क और रूस से सैन्य उपकरण और तेल खरीदने के कारण जुर्माना लगाने की घोषणा की थी। इसके बाद सुबह शेयर बाजारों में बिकवाली शुरू हो गयी। सेंसेक्स 786.36 अंक लुढ़ककर 80,695.50 अंक पर खुला और नीचे 80,695.15 अंक तक उतर गया। एफएमसीजी कंपनियों हिंदुस्तान यूनिलिवर और आईटीसी के साथ इटरनल, कोटक महिंद्रा बैंक और आईसीआईसीआई बैंकों के शेयरों में लिवाली से सेंसेक्स ज्यादा नहीं टूटा। दोपहर बाद यह हरे निशान में भी गया, लेकिन आखिरी घंटे में मुनाफा वसूली से फिर तेजी से गिरा। बुधवार की तुलना में 300 अंक से अधक चढ़कर एक समय यह 81,803.27 अंक पर भी पहुँच गया था। सेंसेक्स में हिंदुस्तान यूनिलिवर का शेयर करीब साढ़े तीन प्रतिशत की बढ़त में बंद हुआ। टाटा स्टील में दो फीसदी से अधिक की गिरावट रही। सनफार्मा, अडानी पोर्ट्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भी टूट गये। निफ्टी-50 भी पिछले कारोबारी दिवस के मुकाबले 212.80 अंक नीचे 24,642.25 अंक पर खुला। इसका दिन का निचला स्तर 24,642.25 अंक रहा जबकि ऊपर यह 24,956.50 अंक तक मजबूत हुआ। छोटी और मझौली कंपनियों में बिकवाली ज्यादा रही। एनएसई के निफ्टी मिडकैप-50 में 0.95 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप-100 में 1.05 फीसदी की गिरावट रही। एनएसई में एफएमसीजी और मीडिया को छोड़कर अन्य समूहों के सूचकांक लाल निशान में रहे। विदेशों में एशियाई बाजारों में मिश्रित रुख रहा। जापान का निक्केई 1.02 प्रतिशत मजबूत हुआ जबकि हांगकांग का हैंगसेंग 1.60 फीसदी और चीन का शंघाई कंपोजिट 1.18 फीसदी लुढ़क गया। यूरोपीय बाजारों में तेजी रही। जर्मनी का डैक्स शुरुआती कारोबार में 0.24 प्रतिशत और ब्रिटेन का एफटीएसई 0.51 प्रतिशत की बढ़त में थे।।