India-US Trade: भारत-अमेरिका के बीच व्यापार करीब 130 अरब डॉलर का है और इसमें भारत का निर्यात करीब 87 अरब डॉलर का है। भारतीय उद्योगों की तरफ से अमेरिका को उत्पादों से लेकर सेवाओं तक का निर्यात किया जाता है। ऐसे में अब अमेरिका की तरफ से टैरिफ लगाए जाने के एलान के बीच इसके असर को लेकर सवाल उठ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत से किए जाने वाले आयातों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का आदेश कल (1 अगस्त) से प्रभावी होगा। इसी के साथ भारत से अमेरिका निर्यात किए जाने वाले अधिकतर उत्पादों का वहां महंगा होना तय है। माना जा रहा है कि इससे भारतीय निर्यातकों को झटका लग सकता है, क्योंकि अमेरिका भारतीय उत्पादों का बड़ा खरीदार है और अगर भारत से भेजे जाने वाले सामान पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ जाता है तो वहां नागरिक भारतीय उत्पादों की जगह दूसरे देशों से कम टैरिफ दर पर आने वाले सामान को तरजीह दे सकते हैं।
इसी साल अप्रैल में जब ट्रंप ने पहली बार अलग-अलग देशों पर पहली बार आयात शुल्क लगाने का एलान किया था, तब अमर उजाला ने इस मुद्दे पर केडिया सिक्योरिटीज के निदेशक और रिसर्च हेड अजय केडिया से बात की थी। उन्होंने बताया था कि भारत ने अमेरिका से आयात होने वाली कई चीजों पर टैरिफ लगा रखा है। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप की कोशिश है कि वह भारत पर जवाबी आयात शुल्क लगाएं। इसलिए जो प्रभाव रहेगा, वह हमारे आईटी सेक्टर, टेक्सटाइल, एग्रीकल्चर पर असर पड़ सकता है। अभी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता जारी है। उदाहरण के तौर पर अगर अमेरिका ने भारत से आयात किए गए चावल पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया तो पहले 100 रुपये में भारतीय चावल पा रहे अमेरिकी नागरिकों को अब आयात शुल्क के साथ 125 रुपये में चावल मिलेगा। यही स्थिति अलग-अलग सेक्टर्स के उत्पादों की रहेगी।
इसी साल अप्रैल में जब ट्रंप ने पहली बार अलग-अलग देशों पर पहली बार आयात शुल्क लगाने का एलान किया था, तब अमर उजाला ने इस मुद्दे पर केडिया सिक्योरिटीज के निदेशक और रिसर्च हेड अजय केडिया से बात की थी। उन्होंने बताया था कि भारत ने अमेरिका से आयात होने वाली कई चीजों पर टैरिफ लगा रखा है। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप की कोशिश है कि वह भारत पर जवाबी आयात शुल्क लगाएं। इसलिए जो प्रभाव रहेगा, वह हमारे आईटी सेक्टर, टेक्सटाइल, एग्रीकल्चर पर असर पड़ सकता है। अभी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता जारी है। उदाहरण के तौर पर अगर अमेरिका ने भारत से आयात किए गए चावल पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया तो पहले 100 रुपये में भारतीय चावल पा रहे अमेरिकी नागरिकों को अब आयात शुल्क के साथ 125 रुपये में चावल मिलेगा। यही स्थिति अलग-अलग सेक्टर्स के उत्पादों की रहेगी।
अब जानें- किन सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ने की संभावना?
1. इलेक्ट्रॉनिक्स
भारत का इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर अमेरिका को सबसे ज्यादा निर्यात करने वाला सेक्टर है। बीते कुछ वर्षों में भारत स्मार्टफोन्स से लेकर लैपटॉप, सर्वर और टैबलेट्स के मामले में अमेरिका का सबसे बड़ा निर्यातक बना है। ऐसे में 1 अगस्त से लागू होने वाले अमेरिकी टैरिफ का सबसे ज्यादा असर इसी सेक्टर पर पड़ने की संभावना है। हालांकि, न्यूज एजेंसी पीटीआई ने गुरुवार को सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि अमेरिका में इस सेक्टर पर आयात शुल्क लगाने के लिए उसे सेक्शन 232 की समीक्षा करनी पड़ेगी, जिसकी तय तारीख दो हफ्ते बाद है। यानी दो हफ्ते के लिए इस सेक्टर को अमेरिकी टैरिफ से राहत मिलने का अनुमान है।
भारत का कपड़ा उद्योग के निर्यात का बड़ा हिस्सा भी अमेरिका पर निर्भर है। आंकड़ों की मानें तो भारत से होने वाला कुल टेक्सटाइल निर्यात का 28 फीसदी अकेले अमेरिका को जाता है। ऐसे में 1 अगस्त से लगने वाले टैरिफ का असर इस सेक्टर पर सबसे ज्यादा पड़ेगा। दरअसल, अमेरिका ने बीते वर्षों में भारत के साथ-साथ वियतनाम, इंडोनेशिया और बांग्लादेश से बड़ी मात्रा में टेक्सटाइल उत्पादों का आयात किया है। जहां वियतनाम पर फिलहाल अमेरिका 19 फीसदी टैरिफ लगा रहा है, वहीं इंडोनेशिया पर ट्रंप ने 20 फीसदी टैरिफ लगाया है। इस लिहाज से भारत के टेक्सटाइल सेक्टर को अमेरिकी टैरिफ के चलते प्रतियोगिता में नुकसान होने की संभावना है।गौरतलब है कि इस सेक्टर में बांग्लादेश और कंबोडिया भी भारत से प्रतियोगिता में रहे हैं, लेकिन अमेरिका ने इन देशों के ऊपर ज्यादा टैरिफ लगाया है। बांग्लादेश पर अमेरिका का आयात शुल्क 35 फीसदी तो कंबोडिया पर 36 फीसदी है।