यूनिवर्सिटी की सफाई
लाठीचार्ज में कई छात्र गंभीर घायल रामस्वरूप यूनिवर्सिटी में लाठीचार्ज पर बड़ी कार्रवाई, CO सिटी, इंस्पेक्टर-चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर रामस्वरूप यूनिवर्सिटी विवाद में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के बाद जिले का माहौल गरमा गया है।
बाराबंकी के श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में ABVP कार्यकर्ताओं और LLB #barabanki #viral
बाराबंकी में ABVP कार्यकर्ताओं को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, 19 घायल, SRMU में मान्यता को लेकर कर रहे थे प्रदर्शन
चार साल से परीक्षा न होने और मान्यता समाप्त होने के बावजूद एडमिशन लेने का आरोप; छात्रों ने लगाया गुंडों से पिटवाने का भी आरोप
पूरी खबर
लखनऊ। लोहिया दर्पण
रामस्वरूप यूनिवर्सिटी को लेकर छात्रों का ग़ुस्सा फूट पड़ा। आरोप है कि पिछले चार साल से विश्वविद्यालय में परीक्षा नहीं कराई जा रही है। वर्ष 2021 में मान्यता समाप्त होने के बावजूद प्रबंधन लगातार एडमिशन ले रहा है। इसी मुद्दे पर जब छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया तो पुलिस-प्रशासन ने बर्बर लाठीचार्ज कर दिया।
छात्रों का आरोप है कि पुलिस के साथ-साथ विश्वविद्यालय प्रशासन ने बाहरी गुंडों को भी बुलाया, जिन्होंने छात्र-छात्राओं की बेरहमी से पिटाई की। लाठीचार्ज में कम से कम 12 छात्र गंभीर रूप से घायल हुए। कई घायल छात्रों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा, लेकिन उन्हें समय पर बेड तक नहीं मिला।
घायल छात्र-छात्राओं का कहना है कि वे शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें आतंकी समझकर पीटना शुरू कर दिया। कई छात्रों को दौड़-दौड़ाकर लाठियों से मारा गया।
दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि छात्रों ने पुलिस चौकी का दरवाज़ा तोड़ दिया था, जिसके बाद स्थिति संभालने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
महेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार और संघ से जुड़े कार्यकर्ता ने कहा – “एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर जिस निर्मम तरीके से लाठीचार्ज किया गया, वह लोकतंत्र की हत्या है। सरकार के पास कई विकल्प थे, लेकिन शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर बर्बरता से हमला किया गया। जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।”
अरुण शुक्ला, प्रदेश अध्यक्ष, हिंदू सुरक्षा सेवा संघ ने कहा – “रामस्वरूप यूनिवर्सिटी परिसर में हुआ लाठीचार्ज छात्रों की आवाज़ दबाने का प्रयास है। यह लोकतंत्र के खिलाफ कदम है।”
विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष
रामस्वरूप यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि “विश्वविद्यालय के पास 2022-23 की बीसीआई मान्यता है और 2023-24 की मान्यता ऑनलाइन उपलब्ध है। छात्रों के भविष्य को लेकर किसी प्रकार का संकट नहीं है। हमने BCI को एफिडेविट भी जमा किया है और प्रत्येक छात्र का भविष्य सुरक्षित है।” – विकास मिश्रा, वाइस चांसलर
निष्कर्ष
छात्रों का ग़ुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। विश्वविद्यालय के बाहर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक भेजा गया है। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस पूरे प्रकरण पर क्या कार्रवाई करते हैं।.
यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार प्रोफेसर नीरजा जिंदल ने कुछ लोगों पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा दी गई मान्यता को लेकर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 2022–23 के लिए अनुमोदन दस्तावेज अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं। विश्वविद्यालय ने 2027 तक संबद्धता शुल्क का भुगतान भी कर दिया है।“
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी स्थित एक निजी यूनिवर्सिटी में बिना मान्यता के एडमिशन किए जाने का आरोप लगा प्रदर्शन कर रहे छात्रों की पुलिस से झड़प हो गई। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया। छात्रों के समर्थन में इस प्रदर्शन में भारतीय जनता पार्टी (BJP) से संबंधित छात्र संगठन ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के कार्यकर्ता भी थे। सोशल मीडिया पर भारी विरोध के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घटना का संज्ञान लिये जाने के बाद शहर कोतवाल को लाइन हाजिर कर दिया गया है। साथ ही पुलिस क्षेत्राधिकारी को हटा दिया गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों पर बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठीचार्ज करते दिखाई दे रहे हैं। इस झड़प में कई छात्र घायल हुए हैं। पीटीआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया है। उनके आदेश पर संबंधित पुलिस क्षेत्राधिकारी हर्षित चौहान को हटा दिया गया है। इसके अलावा शहर कोतवाल रामकिशन राणा को लाइन हाजिर कर दिया गया है।