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मालेगांव ब्लास्ट केस में फैसले के बाद: RSS चीफ मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के थे आदेश, रिटायर्ड ATS अधिकारी महबूब मुजावर ने किया बड़ा खुलासा k

मुजावर ने कहा मालेगांव ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट के फैसले से मै खुश डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एनआईए की विशेष कोर्ट ने 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में गुरुवार को सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया। अब इस मामले पर रिटायर्ड एटीएस अधिकारी महबूब मुजावर ने अब बड़ा खुलासा किया है। निजी न्यूज चैनल आज तक को दिए साक्षात्कार में मुजावर ने कहा कि वह मालेगांव ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट के फैसले से खुश हैं। जस्टिस लाहोटी ने फैसले में कहा अभियोजन पक्ष ठोस सबूत और विश्वसनीय गवाह पेश नहीं कर सका। कोर्ट ने ये भी कहा कि सिर्फ नैरेटिव के आधार पर किसी को दोषी करार नहीं दिया जा सकता। सातों आरोपियों को सबूतों के अभाव में कोर्ट ने बरी किया गया। यह भी पढ़े -मालेगांव मामले के आरोपी निर्दोष थे तो मुकदमा 2014 में बंद क्यों नहीं हुआ पृथ्वीराज चव्हाण पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने निजी न्यूज चैनल आज तक से बातचीत करते हुए बताया कि मालेगांव ब्लास्ट के बाद जांच के दौरान जांचकर्ता अधिकारी परमवीर सिंह और उनके ऊपर के आला अधिकारियों ने मुझे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे। यह भी पढ़े -मालेगांव ब्‍लास्‍ट मामले में एनआईए कोर्ट का फैसला स्‍वागत योग्‍य महंत महादेव दास उन्होंने आगे यह भी बताया कि देश में भगवा आतंकवाद के कॉन्सेप्ट को सिद्ध करने के लिए उन पर गलत जांच करने का प्रेशर बनाया गया था। मुजावर ने कहा मैं गलत काम नहीं करना चाहता था, मैंने इसका विरोध किया , जिसके चलते मेरे खिलाफ झूठे केस दर्ज किए गए। मैं इन सभी मामलों में बरी हो गया। उन्होंने ये भी बताया कि मुझ पर दबाव बनाया कि मैं मारे गए लोगों को चार्जशीट में जिंदा बताऊं। जब मैंने इससे मना किया तो उस समय के आईपीएस अधिकारी परमवीर सिंह ने मुझे झूठे केस में फंसा दिया।

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