- धराली घाटी में अचानक आए मलबे और पानी की तेज रफ्तार से मकान, होटल और इमारतें पूरी तरह बर्बाद हो गईं.
- सैलाब की रफ्तार करीब 15 मीटर/सेकंड थी, जिससे केवल 30 सेकंड में लगभग आधा किलोमीटर क्षेत्र प्रभावित हुआ.
- राहत और बचाव कार्य के लिए सेना, अर्द्धसैनिक बल, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां मिलकर लगातार काम कर रही हैं.
- धराली/उत्तरकाशी:दूर से एक मकान दिख रहा है. मकान भी पूरा नहीं, केवल ऊपरी छत दिख रही है. मकान मलबे में दबा है. न जाने, जब खीर गंगा की ओर से नाले के रास्ते पानी, पत्थर और मलबे का सैलाब आया होगा, उस वक्त मकान में कितने लोग मौजूद होंगे! क्या उन्हें जान बचाकर भाग पाने का समय मिला होगा? ऐसे और भी न जाने कितने-कितने मकानों से जान बचाकर कितने लोग निकल पाए होंगे, कितने फंसे रह गए होंगे और कितने बह गए होंगे! ये सोचकर ही रूह कांप जाती है. धराली हादसे की भयावहता को बयां करती ये तस्वीर मन में तरह-तरह के डर पैदा करती है.रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ऊपर से मलबा अचानक पानी के साथ नीचे बह निकला, जिसकी रफ्तार करीब 15 मीटर/सेकेंड थी और मलबे के दबाव से 250 किलोपास्कल का प्रेशर पड़ा, जिससे रास्ते में आने वाले मकान, होटल, इमारतें टिक नहीं पाईं. हादसे के वक्त इस रफ्तार से महज 30 सेकेंड में सैलाब 450 मीटर यानी करीब आधे किलोमीटर आगे बढ़ चुका होगा. ऐसे में लोगों के पास भागने के लिए सोच पाने का भी वक्त कहां रहा