आरबीआई ने तीसरी बार की रेपो रेट में कटौती
नई दिल्ली । लोहिया दर्पण
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंक लोन लेने वालों के लिए एक अच्छी खबर दी है। आरबीआई ने रेपो रेट में लगातार तीसरी बार कटौती की है। पॉलिसी रेट्स को 50 बेसिस पॉइंट्स (बीपीएस) कम करने का फैसला किया गया है। इससे पहले फरवरी और अप्रैल में इसमें 25 बीपीएस की कटौती की गई थी। यानी छह महीने में रेपो रेट में 100 बीपीएस यानी एक फीसदी की गिरावट आई है। रेपो रेट में कटौती का मतलब है कि बैंक लोन पर ब्याज दर कम हो जाएगी। इससे बैंक लोन की ईएमआई या लोन की अवधि कम हो जाएगी। आरबीआई ने कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) को भी 100 बेसिस पॉइंट्स से घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया है। पहले यह चार प्रतिशत था।
सीआरआर और रेपो रेट में कटौती से बैंकों को बैंक लोन की ब्याज दरें कम करने में आसानी होगी। आरबीआई ने शुक्रवार को मॉनीटरी पॉलिसी मीटिंग में मॉनेटरी पॉलिसी के रुख को ‘एकमोडेटिव’ से ‘नेचुरल’ कर दिया है। इसका मतलब है कि अब आगे रेट कट की संभावना कम है। यह ज्यादातर महंगाई और ग्रोथ के ट्रेंड पर निर्भर करेगा। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने तेजी से रेपो रेट में 100 बीपीएस की कटौती की है और आगे इसमें गिरावट की गुंजाइश कम है।
कितनी कम होगी ईएमआई?
क्रेडमैनेजर के फाउंडर और सीईओ दीपक कुमार जैन कहते हैं कि 20 साल के लिए 50 लाख रुपये के होम लोन पर ईएमआई लगभग 3,164 रुपये कम हो जाती है। एक करोड़ रुपये और 1.5 करोड़ रुपये के लोन के लिए मासिक बचत लगभग 6,329 रुपये और 9,493 रुपये है। हालांकि यह बचत बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन यह खासकर एक हाई-कॉस्ट हाउसिंग मार्केट में अफॉर्डेबिलिटी को बेहतर बनाती है।
मान लीजिए एक होम लोन लेने वाले का 8.5 फीसदी ब्याज दर पर 50 लाख रुपये का लोन बकाया है। लोन की अवधि 20 साल है। अब तक 100 बीपीएस की रेट कट के साथ पूरी अवधि में कुल ब्याज की बचत 7.47 लाख रुपये होगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि 20 साल की अवधि में कुल ब्याज भुगतान 54.14 लाख रुपये से घटकर 46.67 लाख रुपये हो जाएगा। अगर आप लोन की अवधि को समान रखते हैं, तो आपकी ईएमआई 43,391 रुपये से घटकर 40,280 रुपये हो जाएगी। यानी हर महीने 3,111 रुपये की बचत होगी। अगर आप ईएमआई को 43,391 रुपये पर ही रखते हैं, तो आपके होम लोन की अवधि 20 साल से घटकर 17 साल हो जाएगी। यानी लगभग तीन साल की कमी।
ऐसे समझें:
रेपो रेट में ताजा कटौती के साथ होम लोन ईएमआई में और कमी आने की उम्मीद है। फरवरी और अप्रैल में रेपो रेट में 50 बीपीएस की कटौती के बाद कई बैंकों ने हाल ही में अपने रेपो-लिंक्ड इबीएलआर को इसी तरह कम किया है। चूंकि बैंकों से लिए गए होम लोन की ज्यादातर फ्लोटिंग रेट ब्याज दर एक एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट से जुड़ी होती है, जो कि रेपो रेट है, इसलिए लेटेस्ट रेपो रेट कटौती के साथ, आपके होम लोन की ब्याज दर आने वाले महीनों में और कम हो जाएगी।
अगर बैंक ब्याज दर को कम करने का फैसला करता है, तो यह आपको या तो समान होम लोन अवधि रखकर अपनी ईएमआई को कम करने या ईएमआई को अपरिवर्तित रखने और होम लोन की अवधि को कम करने का विकल्प देगा। विशेषज्ञों के अनुसार अपने होम लोन की अवधि को कम करने से लंबी अवधि में अधिक लाभ मिलता है।
शेयर बाजार ने भरी उड़ान
मुंबई : रेपो दर में अप्रत्याशित कटौती से संवेदनशील रियल्टी, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और ऑटो समेत 19 समूहों में हुई जबरदस्त लिवाली की बदौलत आज शेयर बाजार ने लंबी छलांग लगाई। बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 746.95 अंक अर्थात 82,188.99 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 252.15 अंक यानी 25003.05 अंक पर बंद हुआ।
आएंगे 2.5 लाख करोड़
मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बैंकिंग प्रणाली में पर्याप्त और टिकाऊ तरलता सुनिश्चित करने के लिए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में चरणबद्ध तरीके से एक प्रतिशत तक की कटौती करने के निर्णय से तंत्र में ढ़ाई लाख करोड़ रुपये की तरलता बढ़ेगी।