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नेपाल में ‘Gen Z Protest’ हुआ हिंसक, 18 मौतों के बाद काठमांडू में हालात बेकाबू

 

Kathmandu Riot- काठमांडू में बवाल: क्या हुआ? 8 सितंबर 2025 को सुबह 9 बजे (3:15 GMT) काठमांडू के मैतीघर मंडला में हजारों जेन-जेड युवा इकट्ठा हुए। ये ‘हामी नेपाल’ नामक NGO द्वारा आयोजित रैली थी, जिसे जिला प्रशासन से मंजूरी मिली थी। प्रदर्शनकारी 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (Facebook, Instagram, WhatsApp, YouTube, आदि) पर बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। नारे थे – ‘भ्रष्टाचार बंद करो, सोशल मीडिया नहीं’, ‘सोशल मीडिया पर बैन हटाओ’, और ‘युवा भ्रष्टाचार के खिलाफ’।

Gen-Z Protests Update: जेन-जेड विरोध प्रदर्शन में क्या हो रहा है? काठमांडू में 27 साल के मास्टर्स छात्र आयुष बस्याल के मुताबिक, प्रदर्शन में हजारों स्कूल-कॉलेज छात्र, कुछ अपनी यूनिफॉर्म में, शामिल थे। प्रदर्शन की शुरुआत शांत थी, लेकिन ‘हट्टे-कट्टे युवकों’ ने मोटरसाइकिलों पर आकर अराजकता फैलाई। इन लोगों ने बैरिकेड्स तोड़े और संसद परिसर में घुस गए। हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने पेड़ की टहनियां, पानी की बोतलें, और पत्थर फेंके। जवाब में पुलिस ने रबर बुलेट्स, आंसू गैस, और लाइव फायरिंग की। नुकसान: संसद का गेट तोड़ा गया, एक एंबुलेंस जलाई गई, और पुलिस गार्ड हाउस पर हमला हुआ। पत्रकारों पर हमला: कान्तिपुर टीवी के श्याम श्रेष्ठ, नया पत्रिका के दीपेंद्र धुंगाना, और नेपाल प्रेस के उमेश कार्की रबर बुलेट्स से घायल हुए।

Nepal protest 2025 Update: नेपाल की राजधानी काठमांडू ( Kathmandu violent clashes) सोमवार, 8 अगस्त को उस समय युद्धक्षेत्र में बदल गई जब हजारों लोग सरकार के सोशल मीडिया बैन के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। देखते ही देखते यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन हिंसक हो गया और संसद भवन के बाहर पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच भीषण झड़प छिड़ गई।
गुस्साए लोग “सोशल मीडिया पर बैन बंद करो, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाओ” के नारे लगाते हुए संसद तक पहुंच गए और बैरिकेड्स को तोड़ डाला। हिंसक प्रदर्शन के जवाब में सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन चलाए, लेकिन हालात काबू से बाहर हो गए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि दर्जनों घायल अस्पतालों में भर्ती हैं। हाथों में लाल-नीले राष्ट्रीय झंडे लहराते प्रदर्शनकारी सरकार से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बहाल करने की मांग कर रहे थे। इस प्रदर्शन को कई मीडिया रिपोर्ट्स ने “Gen Z Protest” बताया है, जिसमें 1995 और 2010 के बीच जन्मे युवा सबसे आगे रहे। हजारों की संख्या में युवाओं ने सरकार के सोशल मीडिया बैन के खिलाफ आवाज उठाई।

Kathmandu violent clashes: हालात बिगड़ने पर लगा कर्फ्यू हालात बिगड़ने पर प्रशासन ने काठमांडू के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया। इनमें संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, सरकारी सचिवालय और अन्य उच्च सुरक्षा क्षेत्र शामिल हैं। पुलिस ने संसद भवन में घुसने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग भी की, जिससे कई लोग घायल हो गए। घायलों का इलाज काठमांडू के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है।
‘हामी नेपाल’ ने की थी रैली की अगुवाई रिपोर्ट्स के अनुसार, यह रैली ‘हामी नेपाल’ नामक संगठन ने आयोजित की थी। प्रशासन से इजाज़त लेकर ही यह मार्च निकाला गया था। दिलचस्प बात यह रही कि आयोजकों ने इस प्रदर्शन की जानकारी और सुरक्षा से जुड़े निर्देश भी सोशल मीडिया के जरिए ही साझा किए थे।

काठमांडू के अलावा विरोध की आग नेपाल के अन्य शहरों तक भी पहुंच गई। बुटवल और भैरहवा में भी सोमवार, 8 अगस्त को शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया। Nepal curfew updates: इस प्रदर्शन पर नेपाल सरकार ने क्या कहा? नेपाल सरकार ने हाल ही में 26 सोशल मीडिया ऐप्स और साइट्स, जैसे X, Facebook, Instagram और YouTube पर प्रतिबंध लगाया था। सरकार का कहना है कि इन कंपनियों को आधिकारिक तौर पर नेपाल में रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वहीं, जिन प्लेटफॉर्म्स ने रजिस्ट्रेशन कर लिया है जैसे TikTok और Viber, वे फिलहाल काम करते रहेंगे। बता दें कि काठमांडू में भड़के इस विरोध ने नेपाल में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और डिजिटल अधिकारों पर बहस छेड़ दी है।

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