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बलिया- टीईटी को लेकर केंद्र सरकार तुरंत संशोधित शासनादेश जारी करे : उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ”

 

  • By – Akhilanand Tiwari

बलिया। उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ ने सर्वोच्च न्यायालय के हालिया आदेश को शिक्षक विरोधी और अव्यवहारिक बताते हुए केंद्र सरकार से इस संबंध में तत्काल संशोधित शासनादेश जारी करने की मांग की है। गुरुवार को जिले के शिक्षकों ने प्रांतीय महामंत्री सुशील कुमार पांडेय ‘कान्हजी’ के नेतृत्व में प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

शिक्षकों ने जताई गहरी नाराज़गी

जिलाधिकारी कार्यालय पर आयोजित इस धरना-प्रदर्शन में अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों के सभी प्रधानाचार्य और शिक्षक बड़ी संख्या में मौजूद रहे। सभा को संबोधित करते हुए कान्हजी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश न केवल अव्यवहारिक है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने वाला और शिक्षक विरोधी भी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, तभी वह उस वक्त तय की गई योग्यताओं पर खरे उतरते थे और उसी आधार पर उनका चयन हुआ। लेकिन अब एक अंतराल के बाद योग्यता की नई परिभाषा तय कर, पुनः परीक्षा देने के लिए बाध्य करना न्यायसंगत नहीं है।

“न्यायपालिका और कार्यपालिका पर क्यों नहीं लागू?”

कान्हजी ने सवाल उठाया कि जब न्यायपालिका और कार्यपालिका में कार्यरत लोग वर्षों बाद किसी नई परीक्षा से नहीं गुजरते, तो फिर शिक्षकों पर यह शर्त क्यों थोपी जा रही है? उन्होंने कहा कि शिक्षा का क्षेत्र भविष्य निर्माण से जुड़ा है, अगर लाखों अनुभवी शिक्षक अचानक आदेशों की मार में आ जाएंगे, तो इसका असर सीधे बच्चों की शिक्षा पर पड़ेगा। कान्हजी ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह तत्काल संशोधित शासनादेश जारी करके इस समस्या का समाधान करे।

“यह समस्या पूरे देश की”

सभा में वक्ताओं ने कहा कि यह समस्या किसी एक जिले या प्रदेश की नहीं, बल्कि पूरे देश की है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से पूरे भारत के लाखों शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। यदि सरकार समय रहते मसले का समाधान नहीं करेगी तो शिक्षा व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो सकती है और इसका व्यापक असर देश के विकास पर पड़ेगा।

पुरानी पेंशन आंदोलन से तुलना

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश पांडेय ने इस अवसर पर कहा कि सरकार इस मुद्दे को जानबूझकर जिंदा रखना चाहती है ताकि शिक्षक अपने अधिकारों, विशेषकर पुरानी पेंशन की मांग से भटक जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि यह सरकार की बड़ी भूल है। शिक्षक टेट की समस्या और पुरानी पेंशन दोनों मुद्दों पर पूरी मजबूती से अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जल्द संज्ञान नहीं लिया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

“अंत तक लड़ी जाएगी यह लड़ाई”

सभा में शामिल शिक्षकों ने नारेबाजी करते हुए दोहराया कि यह लड़ाई अंतिम अंजाम तक लड़ी जाएगी। शिक्षक संघ के नेताओं ने साफ कहा कि कोई भी साजिश शिक्षकों की एकजुटता तोड़ नहीं पाएगी और शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा हर कीमत पर की जाएगी।

बड़ी संख्या में रहे शिक्षक मौजूद

इस मौके पर जिलाध्यक्ष अशोक केशरी, जितेंद्र सिंह, घनश्याम चौबे, सुशील त्रिपाठी, अरविंद नारायण सिंह, अनिल सिंह, निर्भय शंकर राय, धर्मेंद्र तिवारी, सुधीर उपाध्याय, पंकज राय, श्याम नारायण यादव, एनडी तिवारी, रामप्रताप सिंह, सत्यनारायण यादव, शारदानंद सिंह, संजय सिंह, अमित कुमार सिंह, पुष्पराज सिंह, डॉ. जितेंद्र सिंह, आलोक सिंह, लक्ष्मण यादव, कमलेश तिवारी, दिनेश पांडेय, विवेक पांडेय, दिलीप सिंह, शशांक सिंह, अखिलेश कुमार, बृजेश यादव, भगवान चौबे, विनोद मिश्र समेत दर्जनों शिक्षक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन जिला मंत्री अनूप सिंह ने किया और अंत में सभी का आभार जताया।

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