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करूर भगदड़ मामला: FIR में हुआ बड़ा खुलासा, पुलिस ने एक्टर विजय पर लगाया आरोप, कोर्ट पहुंची TVK ने क्या कहा?

करूर भगदड़ मामले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक एक्टर और टीवीके प्रमुख की वजह से 41 लोगों की मौत हुई। वहीं टीवीके ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। जानें क्या क्या आरोप लगे हैं?.

तमिलनाडु के करूर में एक्टर और राजनेता विजय की हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई थी, इस मामले की जांच चल रही है। इस मामले में दायर एफआईआर प्राथमिकी में पुलिस ने कहा है कि अभिनेता और टीवीके प्रमुख विजय द्वारा ‘जानबूझकर राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन’ करने के कारण रविवार शाम तमिलनाडु के करूर में मची भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई। प्राथमिकी में कहा गया है कि रैली सुबह 9 बजे शुरू होनी थी और 11 बजे तक भारी भीड़ जमा हो गई थी।

करूर भगदड़ मामला: अभिनेता विजय और TVK पर गंभीर आरोप, पुलिस ने कहा- “लापरवाही से हुई त्रासदी”, TVK ने सीबीआई जांच की मांग की

करूर (29 सितंबर 2025):
तमिलनाडु के करूर जिले में हुई भगदड़ की घटना ने एक बड़ा राजनीतिक और कानूनी विवाद खड़ा कर दिया है। पुलिस ने अभिनेता विजय और उनके समर्थकों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि टीवीके (तमिझगा वेट्री कज़गम) ने इसे एक साजिश करार देते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।

पुलिस के अनुसार, अभिनेता विजय को रविवार दोपहर 12 बजे भाषण देना था, लेकिन वह शाम 7 बजे पहुंचे, जिससे पहले से मौजूद भीड़ में असंतोष और उत्तेजना फैल गई। पुलिस का कहना है कि विजय को ले जा रही बस कई अनियोजित स्थानों पर रुकी, जिससे यातायात बाधित हुआ और लोगों की भीड़ बढ़ गई। इस दौरान टीवीके नेता एन ‘बुस्सी’ आनंद समेत कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया, और इसके परिणामस्वरूप भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई।

पुलिस ने कहा कि टीवीके कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरियर तोड़ दिए, जो भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए थे। कई लोग टिन की छत पर चढ़ गए, जिससे वह गिर गई और टीवीके कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। पुलिस ने यह भी कहा कि रैली में भोजन, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाओं की भी कमी थी, जिसके कारण भगदड़ और बेकाबू स्थिति बनी।

टीवीके की प्रतिक्रिया:
टीवीके के चुनाव अभियान प्रबंधन महासचिव आधव अर्जुन ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह पूरी घटना पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा रची गई एक साजिश है, और उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय में सीबीआई जांच की याचिका दाखिल की है। अर्जुन ने आरोप लगाया कि पार्टी को अपने पसंदीदा स्थानों पर रैली करने की अनुमति नहीं दी गई थी, और जिन स्थानों पर अनुमति दी गई, वहाँ भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल था।

उन्होंने यह भी दावा किया कि विजय के भाषण से पहले बिजली कनेक्शन बाधित कर दिया गया था, जिसके कारण लोग जनरेटर की ओर दौड़े, और यह स्थिति और भी भयावह हो गई। अर्जुन ने कहा कि रैली में घुसपैठ करने वाले असामाजिक तत्वों ने न केवल टीवीके नेताओं पर, बल्कि निर्दोष जनता पर भी पत्थर और चप्पल फेंके, जिससे भगदड़ और अधिक बढ़ गई।

विजय और उनके समर्थकों पर गंभीर आरोप:
पुलिस का कहना है कि विजय के रोड शो की अनुमति नहीं ली गई थी, और बार-बार बिना योजना के रुकने से भीड़ बढ़ गई और सुरक्षा व्यवस्था पर दबाव पड़ा। इस लापरवाही के कारण, करूर में यह घातक घटना घटी। पुलिस ने एफआईआर में विजय और उनके समर्थकों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें भीड़ को उत्तेजित करना और सुरक्षा मानकों की अनदेखी शामिल है।

कानूनी और राजनीतिक स्थिति:
यह मामला अब कोर्ट में है और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी इसे देखा जा रहा है। टीवीके ने इसे अपनी पार्टी को बदनाम करने की राजनीतिक साजिश बताया है, जबकि पुलिस ने इसे सुरक्षा लापरवाही और अराजकता के रूप में पेश किया है।

अगले कदम:
इस मामले की जांच को लेकर दोनों पक्षों के दावे और आरोप पूरी तरह से विरोधाभासी हैं, और अब यह देखा जाएगा कि कोर्ट इस पर क्या कदम उठाता है। यदि सीबीआई जांच होती है, तो यह तमिलनाडु की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, खासकर अभिनेता विजय के भविष्य को लेकर।

विज्ञप्ति जारी
रैली में घायल हुए लोगों और मारे गए टीवीके कार्यकर्ताओं के परिवारों के लिए न्याय की मांग अब हर तरफ से उठ रही है। यह मामला न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था, राजनीतिक साजिशों और प्रशासनिक लापरवाही के मुद्दे को भी उजागर करता है।

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