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अखिलेश ने ABVP पर तंज कसते हुए इसका नाम अखिल भारतीय वीडियो और पिटाई रखा

~~लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों और भाड़े के गुंडों के खिलाफ मामला दर्ज करना और कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करना शामिल है। पुलिस कार्रवाई का आदेश किसने दिया, यह भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए।

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) पर तंज कसा और इसे अखिल भारतीय वीडियो और पिटाई कहा  अभाविप ने श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय के एक विधि पाठ्यक्रम की कथित रूप से संबद्धता न होने के विरोध में प्रदर्शन के दौरान अपने कार्यकर्ताओं की पिटाई और उनकी मांगें पूरी न होने पर राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।

इस बारे में पूछे गए एक सवाल पर यादव ने चुटकी लेते हुए कहा, यह विरोध प्रदर्शन न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी होना चाहिए। उन्होंने कहा, यह (विरोध प्रदर्शन) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए, क्योंकि भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। छात्र और संगठन के लोग दुखी होंगे क्योंकि अखिल भारतीय वीडियो और पिटाई जारी है। अखिल भारतीय वीडियो और पिटाई उन्हें दुखी कर रही है।

यादव ने कहा, मैंने कहा था कि यह परिषद और वाहिनी के बीच की लड़ाई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष करते हुए यादव ने कहा, जो कुर्सी पर बैठा है, वह भाजपा का सदस्य नहीं है। पता नहीं, कितने लोगों का भविष्य उस कुर्सी पर बैठने के लिए बर्बाद हो गया है। इसलिए स्वाभाविक है कि छात्र अखिल भारतीय वीडियो और पिटाई देखकर दुखी हों।

इस बीच, अभाविप के राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्य अभिनव मिश्रा ने बताया ‘‘ संगठन की प्रमुख मांगों में लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों और भाड़े के गुंडों के खिलाफ मामला दर्ज करना और कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करना शामिल है। पुलिस कार्रवाई का आदेश किसने दिया, यह भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए। विधि पाठ्यक्रम के अवैध संचालन की उच्च-स्तरीय जांच तथा ज़िम्मेदार विश्वविद्यालय अधिकारियों को दंडित करना भी हमारी मांगों में शामिल है।’’

अभाविप ने उच्च शिक्षा परिषद के सचिव द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के आधार पर विश्वविद्यालय के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की। मिश्रा ने कहा कि लगभग छह बीघा सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण हटाने के तहसीलदार अदालत के आदेश को तुरंत लागू किया जाए और विश्वविद्यालय प्रशासन के अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने सहित 27.96 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाए

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